बैंकिंग MF स्कीम्स ने दिया एक साल में 62% तक रिटर्न, आगे भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद

profitstreetनॉन परफार्मिंग आसेट (एनपीए) की समस्या के बाद भी पिछले कुछ समय से बैंकों के शेयरों में तेजी बनी हुई है। इससे म्युचुअल फंड की बैंक फोकस स्कीम् का रिटर्न पिछले एक साल में 62 फीसदी से ज्यादा का हो गया है। जानकारों की राय है सरकार ने एनपीए की समस्या से निपटने के लिए कड़े फैसले लिए है। इससे बैंकिंग क्षेत्र को फायदा होगा, जिससे बैंकिंग शेयरों में तेजी बनी रह सकती है। ऐसे में अगर कोई बैंकिंग फोकस म्युचुअल फंड स्कीम् में इनवेस्टिड रहता है, तो उसे आगे अच्छा रिटर्न मिल सकता है। हालांकि निवेशकों को 62 फीसदी जैसे रिटर्न की आशा नहीं रखनी चाहिए। 

बैंकिंग सेक्टर में जारी रहेगा तेजी का दौर
शेयरखान में वाइस प्रेसीडेंट मृदुल कुमार वर्मा का मानना है कि एक तो बैंकिंग सेक्टर का एनपीए काबू में आता लग रहा है। इसके अलावा सरकार की सख्ती बैंकों को इस मुद्दे को डील करने के लिए और ताकत देगी। इससे बैंकिंग सेक्टर निवेश के लिए अच्छा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी का नजरिया कम से कम तीन साल का है तो वह बैंकिंग सेक्टर को फोकस करने वाली म्युचुअल फंड स्कीम्स में अच्छे रिटर्न के लिए इनवेस्टमेंट कर सकता है। हालांकि अगर यह निवेश हर माह निवेश के रूप में यानी सिप माध्यम से किया जाए तो अच्छा रहेगा। 

बैंकों के वित्तीय परिणाम भी रहे अच्छे
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है बैंकों के वित्तीय परिणाम में एनपीए की समस्या काबू में आती दिख रही है। ज्यादातर बैंकों के वित्तीय परिणाम अच्छे रहे हैं। लोन की डिमांड बढ़ने की बात बड़े बैंकर कह रहे हैं। इससे आगे बैंकिंग सेक्टर में निवेश और फायदेमंद हो सकता है। लेकिन म्युचुअल फंड में इनवेस्टमेंट जब भी शुरू करें तो एक योजना बना लें। एक साथ इनवेस्टमेंट करने से अच्छा होता है सिप माध्यम से थोड़ा थोड़ा इनवेस्टमेंट लम्बे समय तक करें। आंकड़ों के विश्लेषण में यह साफ है कि जिन्होंने सिप माध्यम से लम्बे समय के लिए इनवेस्टमेंट किया है उनको ज्यादा रिटर्न मिला है। लम्बे समय के निवेश से बाजार लिंक खतरें में कम से कम हो जाते हैं।
 


रघुराम राजन के समय सामने आई थी बेड लोन की समस्या
देश के बैंकों की बेड लोन की समस्या पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के समय सामने आई थी। उन्होंने इस मुद्दे पर काफी जोर दिया था बैंकों को मजबूर किया था वह अपने बेड लोन या एनपीए सही तरीके से घोषित करें। इसके बाद देश के तमाम बैंकों के एनपीए के आंकड़े सामने आए जिससे स्थिति की गंभीरता का पता चला। लेकिन शेयर बाजार को यह सच पसंद नहीं आया और बैंकों के शेयर के दाम काफी लुढ़क गए थे। 

Read more - https://goo.gl/738qqpContact us: - +91-9913158794Or visit:- http://www.profitstreet.in/Mail us at:- info@profitstreet.in

Comments

Popular posts from this blog

Kotak Mahindra to raise Rs 5,363 crore equity capital

It's not Goods and Services Tax, it's Good and Simple Tax: PM Modi tells nation

Majority of states have very few stock market investors